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बाल एवं युवा साहित्य >> अच्छे बनो

अच्छे बनो

सुजाता सोनी

प्रकाशक : सुयोग्य प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4476
आईएसबीएन :81-7901-020-1

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अच्छे बनो... प्रभु वन्दना के साथ अच्छे बनने पर आधारित कहानियों का उल्लेख।

Achchhe Bano -A Hindi Book Sujata Soni - अच्छे बनो - सुजाता सोनी

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

प्रभु-वन्दना

तुम ईश्वर, अल्लाह और वाहेगुरु।
तुम माता, पिता और सतगुरु।।
प्रभु ! तुम सबके रखवाले हो।
सबके रक्षक और सहारे हो।।
तुम ज्ञान सूर्य हो, शक्तिमान हो।
प्रभु तुम जग में सबसे महान हो।।
दो हमको बल, विद्या और सद्बुद्धि।
अज्ञान नष्ट हो, आये प्रगति।।
उन्नति-पथ पर हम बढ़ते जायें।
जन-जन के दुःख और शोक मिटायें।।
तूफानों से हम लड़ना सीखें।
कांटों में भी हम हंसना सीखें।।
भारत मां के हम प्यारे बच्चे।
बन जायें सब मन के सच्चे।।
इस जग में अच्छे कार्य करें।
दो आशीष ! सत्य से नहीं डिगें।।


सब जीवों पर दया


हमें सब जीव-जन्तुओं पर दया करनी चाहिए। सब जीवधारियों के अन्दर आत्मा मौजूद है इसलिए यदि हम किसी जीव को कष्ट देंगे तो उसकी आत्मा को दुःख होगा।
किसी की आत्मा को दुःखाना भगवान का मंदिर ढहाने के बराबर है। यदि हम किसी जीव को सताते हैं तो भगवान हमसे कभी खुश नहीं होंगे। जो लोग सभी जीव जन्तुओं पर दयाभाव नहीं रखते वे सपूत बालक सिद्ध नहीं हो सकते।


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